बनावली
बनावली- हरियाणा राज्य के हिसार जिले में रंगोई नदी के एक शुष्क प्रवाह मार्ग पर स्थित है। यहाँ मिले सुरक्षा दीवारों के बिच का भाग 300x500 मीटर है। यहाँ से हड़प्पा सभ्यता के प्रारंभिक, परिपक़्व तथा उत्तर हड़प्पा कालीन प्रमाण प्राप्त होते हैं। बनावली-II परिपकव हड़प्पा संस्कृति का प्रतिनिधित्व करता है।
यहाँ स्थित सिटाडेल क्षेत्र और निचले नगर के बिच एक बड़ी दीवार खड़ी है। यहाँ से प्राप्त सिटाडेल की योजना लगभग बेलनाकार है, जिसके चारों ओर अतिरिक्त सुरक्षा प्राचीर तथा खोदी गयी खाई के प्रमाण प्राप्त होते हैं। सिटाडेल से निचले नगर में जाने के लिए कृत्रिम रूप से ऊँचा किया हुआ एक भू-भाग दिखाई देता है। मिटटी के बने मकानों के सामने चबूतरा बना हुआ है। बनावली में भट्टी में पकी हुई ईंटों का प्रयोग केवल कुँआ बनाने, स्नान क्षेत्र के लिए किया गया था। यहाँ से मिले एक बहुकक्षीय मकान से रसोईघर, शौंचालय, बहुत साड़ी मुहरें और बटखरे मिले हैं, इससे प्रतीत है कि यह किसी अमीर व्यापारी का घर रहा होगा। बनावली से प्राप्त एक दूसरे घर से सोना, लाजवर्द, कार्नेलियन के मनके और छोटे बटखरे मिले हैं, इनसे प्रतीत होता है कि यह किसी आभूषण व्यापारी का भवन रहा होगा। बनावली से प्राप्त एक मकान के अवशेषों से वॉशबेसिन के प्रमाण भी मिले हैं।
बनावली में मुहरों की प्राप्ति केवल निचले क्षेत्र से हुई है, सिटाडेल क्षेत्र से नहीं। बनावली से पक्की मिटटी का एक खिलौना हल प्राप्त हुआ है। बनावली में बहुत सारे घरों में अग्निकुण्ड भी मिले हैं। बनावली से घेराबंदी एवं किलाबंदी के साक्ष्य भी मिले हैं। यहाँ से अच्छे किस्म के जौ मिले हैं। बनावली में जल निकास प्रणाली का अभाव दिखायी देता है। बनावली की नगर योजना शतरंज के बिसात या जाल के आकार की बनायी गयी थी। सड़कें न तो सीधी मिलती थीं और न ही एक दूसरे को समकोण पर कटती थीं।
महत्वपूर्ण बिन्दु
- बनावली- हरियाणा राज्य के हिसार जिले में रंगोई नदी के एक शुष्क प्रवाह मार्ग पर स्थित है।
- यहाँ से पक्की मिटटी का खिलौना हल प्राप्त हुआ है।
- यहाँ से तौलने के लिए बाट भी प्राप्त हुए हैं।
- बनावली से घेराबंदी एवं किलाबंदी के प्रमाण भी प्राप्त हुए हैं।
- यहाँ से स्त्री देवी की मिटटी की मूर्तियां प्राप्त हुई हैं, जिसे मातृदेवी की मूर्ति कहा जाता है।
- यहाँ से जौहरी अथवा सुनार का आवास भी प्राप्त हुआ है।
- बनावली से प्राप्त एक मकान के अवशेषों से वॉशबेसिन के प्रमाण मिले हैं।
- बनावली सिन्धु सभ्यता का एकमात्र ऐसा क्षेत्र है, जहाँ नाली व्यवस्था का अभाव है।
- बनावली में बहुत सारे घरों में अग्निकुण्ड के प्रमाण भी मिले हैं।
- यहाँ से मिले एक बहुकक्षीय मकान से रसोईघर, शौंचालय, बहुत साड़ी मुहरें और बटखरे मिले हैं
- बनावली में भट्टी में पकी हुई ईंटों का प्रयोग केवल कुँआ बनाने, स्नान क्षेत्र के लिए किया गया था।
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