रोपड़
यहाँ से प्राप्त प्रमाणों में मिट्टी के बर्तन, आभूषण, चर्ट, फलक एवं तांबे की कुल्हाड़ी महत्वपूर्ण है। यहाँ पर मिले मकानों के अवशेषों से ऐसा प्रतीत होता है कि यहाँ के मकान पत्थर तथा मिट्टी से बनाये गए थे। यहाँ से शवों को अण्डाकार गड्ढों में दफनाए जाने के प्रमाण प्राप्त होते हैं। एक स्थान से शवाधान के लिए प्रयोग होने वाले ईटों का एक छोटा कमरा भी प्राप्त हुआ है। कुछ शवाधान से मिट्टी के पकाये गए आभूषण, शंख की चूड़ियाँ, गोमेद पत्थर के मनके और तांबे की अंगूठियां भी मिली हैं। रोपड़ से एक ऐसा कब्रिस्तान मिला है जिसमे मनुष्य के साथ पालतू कुत्ता भी दफनाया गया था। ऐसा हड़प्पा सभ्यता के अन्य किसी स्थान पर नहीं हुआ है जहाँ मनुष्य के साथ पालतू कुत्ते को भी दफनाया गया हो।
महत्वपूर्ण बिन्दु
- रोपड़ पंजाब राज्य में सतलुज नदी के बाएं तट पर स्थित है।
- ब्रजवासी लाल ने 1950 में रोपड़ की खोज की थी।
- 1953-56 के दौरान यज्ञदत्त शर्मा ने यहाँ पर उत्खनन कार्य किया था।
- सिन्धु सभ्यता का एकमात्र स्थल जहाँ से शवों को अण्डकार गड्ढों में दफनाए जाने के प्रमाण प्राप्त हुए हैं।
- यहाँ से हड़प्पा सभ्यता के दो चरण- पूर्व हड़प्पा एवं हड़प्पा कालीन संस्कृति के प्रमाण मिले हैं।
- रोपड़ से संस्कृति के 5 चरण मिलते हैं, जो निम्न प्रकार हैं- हड़प्पा, चित्रित धूसर मृदभाण्ड, उत्तरी काली पोलिश वाले, कुषाण, गुप्त एवं मध्यकालीन मृदभाण्ड संस्कृति।
- यहाँ से तांबे की कुल्हाड़ी भी प्राप्त हुई है।
- रोपड़ के मकान पत्थर तथा मिट्टी से बनाये गए थे।
- रोपड़ से प्राप्त कुछ शवाधानों से मिट्टी के पकाये गए आभूषण, शंख की चूड़ियाँ, गोमेद पत्थर के मनके और तांबे की अंगूठियां भी मिली हैं।
- हड़प्पा सभ्यता का एकमात्र स्थल जहाँ से शवाधानों के साथ कुत्ते को दफनाए जाने के प्रमाण मिले हैं।
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