राखीगढ़ी
राखीगढ़ी- दुनिया के सबसे बड़े एवं पुराने सिन्धु सभ्यता के स्थलों में से एक है, जो हरियाणा राज्य के हिसार जिले में सरस्वती तथा दृष्द्वती नदियों के शुष्क क्षेत्र में स्थित है। राखीगढ़ी सिन्धु घाटी सभ्यता के भारत में स्थित स्थलों में से धोलावीरा के पश्चात सबसे बड़ा ऐतिहासिक स्थल है। राखीगढ़ी की प्रमुख नदी घग्घर है। पुरातत्ववेत्ताओं ने हरियाणा स्थित राखीगढ़ी की खोज 1963 में की थी। राखीगढ़ी का व्यापक पैमाने पर उत्खनन अमरेन्द्र नाथ द्वारा वर्ष 1997-1999 के दौरान किया गया था। राखीगढ़ी से प्राक्क हड़प्पा तथा परिपक़्व हड़प्पा दोनों काल के प्रमाण प्राप्त होते हैं। यहाँ से मातृदेवी अंकित लघु मुद्रा प्राप्त हुई है। राखीगढ़ी से महत्वपूर्ण स्मारक एवं पुरावशेष प्राप्त हुए हैं, जिनमें दुर्ग-प्राचीर, अन्नागार, स्तम्भ युक्त मण्डप तथा यज्ञ वेदिकाएं प्रमुख हैं।
राखीगढ़ी में लोगों के आने-जाने के लिए बने मार्ग, जल निकासी की प्रणाली, वर्षा जल को एकत्रित करने का विशाल स्थान तथा कांसा सहित कई धातुओं से बनी वस्तुएं प्राप्त हुई हैं।
आज राखीगढ़ी अत्यधिक आर्थिक विकास के कारण विलुप्ति के कगार पर पहुँच चूका है। राखीगढ़ी को विश्व विरासत स्थलों की खतरे में एशिया के विरासत स्थल की सूची में रखा गया है।
महत्वपूर्ण बिन्दु
- राखीगढ़ी दुनिया के सबसे बड़े एवं पुराने सिन्धु सभ्यता के स्थलों में से एक है।
- हरयाणा राज्य के हिसार जिले में सरस्वती तथा दृष्द्वती नदियों के क्षेत्र में स्थित है।
- यह भारत में स्थित हड़प्पा सभ्यता के स्थलों में दूसरा सबसे बड़ा स्थल है।
- राखीगढ़ी की खोज 1963 में की गयी थी।
- यहाँ पर व्यापक पैमाने पर उत्खनन कार्य अमरेन्द्र नाथ द्वारा वर्ष 1997-1999 के दौरान किया गया था।
- राखीगढ़ी से प्राक्क हड़प्पा, तथा परिपक़्व हड़प्पा कालीन पुरावशेष प्राप्त हुए हैं।
- यहाँ से प्राचीन दुर्ग-प्राचीर भी प्राप्त हुई है।
- यहाँ से प्राचीन यज्ञ वेदिकाएँ प्राप्त हुई हैं।
- राखीगढ़ी में लोगों के आने-जाने के लिए बने मार्ग प्राप्त होते हैं।
- यहाँ से वर्षा जल को एकत्रित करने का विशाल स्थान भी प्राप्त हुआ है।
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